Thursday, September 19, 2024
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एक राष्ट्र एक चुनाव : चर्चा से श्रोताओं की शंकाएं दूर हुईं…

एक राष्ट्र; एक चुनाव संकल्पना सही नहीं: एडवोकेट फ़िरदौस मिर्ज़ा…

एक देश; देश के लिए लाभदायक चुनाव : एड. श्रीरंग भंडारकर

लोकगर्जना प्रतिष्ठान की ओर से चर्चा…

नागपुर – शरद नागदेवे

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक राष्ट्र एक चुनाव” की घोषणा की। इसके लिए उन्होंने एक कमेटी का गठन किया. जो कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कानूनी और व्यावहारिक उपायों का अध्ययन करेगा। “एक राष्ट्र एक चुनाव” को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे भारत के संविधान को कोई खतरा न हो।

वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञ एडवोकेट फ़िरदौस मिर्ज़ा ने कहा की एक देश, एक चुनाव से देश को नुकसान होगा, एड. श्रीरंग भंडारकरने लाभ होणे की बात कि। दोनों वक्ताओं ने बहुत प्रभावी ढंग से अपने विचार व्यक्त किये और श्रोताओं की शंकाओं का समाधान किया।

लोकगर्जना प्रतिष्ठान की ओर से रविवार 10 सितंबर को महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा येथील श्रीमंत बाबूराव धनवटे सभागृह, शंकरनगर चौक, नागपूरमे आयोजित चर्चा मे नागपुर के प्रसिद्ध वकील सर्वश्री एडवोकेट श्रीरंग भंडारकर और फिरदौस मिर्जा ने भाग लिया।

बॉम्बे हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील एड. फिरदोस मिर्जा ने बताया कि, भारत अनेकता में एकता वाला देश है। भारत में खान-पान, पहनावा, भाषा, संस्कृति अलग-अलग है। ऐसे में संविधान की वजह से ही ये देश एकजुट रहा. हालाँकि, वन नेशन; वन इलेक्शन से संविधान की आत्मा को मारने का प्रयास होगा।

देश का हित एक चुनाव में नहीं. उन्होंने कहा कि, देश में न तो लोकसभा पूरे 5 साल चली है और न ही विधानसभा. ऐसे में बिनाचुनाव के सरकार कैसे चलायी जाये. देश में कुछ तात्कालिक निर्णय लिये गये।

जैसे कि नोटबंदी और लॉकडाउन जैसे फैसलों का देश के आम नागरिकों पर क्या असर पड़ा, इसकी भी जांच होनी चाहिए. इसलिए एक राष्ट्र, एक चुनाव संभव नहीं है. क्योंकि, अगर विधानसभा किसी कारण से 2 साल के भीतर भंग हो जाती है, तो उस स्थान पर अगली सरकार नियुक्त करने के लिए चुनाव कराया जाए या नहीं। प्रदेश में कई नगर निगम दो साल से प्रशासकों के हाथ में हैं।

तो क्या लोकतंत्र का पतन नहीं है? उन्होंने दृढ़ मत व्यक्त किया कि यदि किसी एक चुनाव को राजनीतिक या कानूनी अभ्यासक कि नजर से देखे तो कोई लाभ नजर नहीं आता।

इस मौकेपर श्रीरंग भंडारकर ने कहा, एक देश एक चुनाव की अवधारणा लोकतंत्र को मजबूत करेगी. इससे चुनाव की लागत कम होगी और मतदाताओं को सभी चुनावों के नतीजे एक साथ पता चल सकेंगे।

इस देश का लोकतंत्र जनता द्वारा, जनता के लिए शासन की अवधारणा पर आधारित है। उस स्थिति में यह सोचना चाहिए कि एक देश; एक चुनाव का जनता पर क्या असर होगा. एक देश; चुनाव तुरंत नहीं होगा.

इस पर चर्चा की जायेगी. विभिन्न राजनीतिक दल अपना पक्ष रखेंगे. कमेटी एक रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि एक देश, एक चुनाव फायदेमंद होगा. इसके बाद वक्ताओं ने उपस्थित नागरिकों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब दिया.

प्रास्ताविक रखते हुवे अजय पाटिल ने सेमिनार के आयोजन के पीछे उनकी भूमिका व्यक्त की. उनके द्वारा दोनों वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर जिला बार काउंसिल नागपुर के अध्यक्ष एड. रोशन बागड़े, पूर्व नगर महिला एवं बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रगति पाटिल, श्वेताली ठाकरे, हरविंदर सिंग मुल्ला, शरद पाटिल, वरिष्ठ पत्रकार बालासाहेब कुलकर्णी, लोकगर्जना प्रतिष्ठान के शुभंकर पाटिल , रवि गाडगे पाटील, पराग नागपुरे, नितीन गेडाम, उपस्थित थे। इस अवसर पर राजेश कुम्भलकर ने आभार व्यक्त किया।

Gaurav Gawai
Gaurav Gawai
गौरव गजानन गवई हे महाव्हॉइस न्यूजचे सह-संस्थापक आहेत आणि रायटर आणि ग्राफिक डिझायनर म्हणूनही ते गेल्या पाच वर्षापासून काम करतात. त्यांना महाव्हॉइस न्यूजमध्ये ग्राफिक डिझायनिंग आणि कंटेंट रायटिंगचा मजबूत अनुभव आहे.
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