गोंदिया – राजेशकुमार तायवाडे
साल 2005 में शासन ने 200 करोड रुपए खर्च कर धापेवाड़ा टप्पा क्रमांक १ को चालू किया गया था। धापेवाडा टप्पा क्रमांक 1, क्रमांक 2, क्रमांक 3 व अदानी पावर प्लांट को पानी हेतु लगभग 220 करोड़ खर्च धापेवाडा का बैरेज 2009 में तैयार किया गया था । इस बैरेज में लगभग २ टि . एम. सी. पानी का संच रहता है।
इस धापेवाडा सिंचन योजना में कवलेवाडा, बेलाटी बुज, मुंडीपार , मरारटोला एवं आसपास के गांव के हजारों किसानों की सैकड़ो हेक्टर जमीन गई । किसानों ने अपनी खुशी से जमीन दी ताकि उनकी जमीन सिंचित हो सके । आजादी के बाद बोदलकसा योजना थी किंतु बोदलकसा का पानी सिंचाई हेतु नहीं मिला ।
धापेवाडा टप्पा क्रमांक १ लगभग 8060 हेक्टर के लिए बनी है। इस योजना द्वारा लगभग ५००० हेक्टर जमीन को सिंचाई किया जा सकता है। धापेवाडा टप्पा क्र. १ पर २०२१ से पूर्व के अधिकारियों द्वारा ८ घंटे लोड शेडिंग रहते हुए भी खरीब मैं 4200 हेक्टर व रबी की फसल के हेतु 3200 हेक्टेयर तक पानी दिया जाता था।
किंतु कार्यकारी अभियांत्रिकी अभियंता अंकुर कपसे उपविभागीय अभियंता प्रणय नागदिवे , प्रेमलाल गौतम ने मिलजुल कर इस योजना को भंठाधार कर धापेवाडा टप्पा क्रमांक 1 को सफेद हाथी बनाकर रख दिया है। इन अधिकारियों ने गुमराह कर धापेवाडा टप्पा क्रमांक 1 को 24 घंटे बिजली रहते हुए वर्तमान में मात्रा लगभग 800 से 900 हेक्टर में पानी दे रहे है इसके पहले 2022 के पूर्व धापेवाडा टपा १ पर 8 घंटे लोड शेडिंग रहते हुए भी राबी मैं लगभग 2500 से 2800 हेक्टर को सिंचाई होती थी।
उपविभाग अभियंता प्रणय नगदिवे व प्रेमलाल गौतम यह अधिकारी जानबूझकर धापेवाडा उपसा सिंचन के पंपों को 7 से 10 दिन बंद रखकर सिर्फ 800 से 900 हेक्टेयर को रबी का पानी दे रहे हैं। इस वर्ष बेलटी खुर्द, तिरोडा , धादरी , लोधीटोला इन गांव की १५०० हेक्टर जमीन सिंचाई से वंचित कर दी। जन प्रतिनिधियों ने बारबार धापेवाडा उपसा सिंचन कार्यालय में अधिकारी प्रणय नागदिवे से मिलने की कोशिश की किंतु वह कार्यालय से नदारत रहते है । वह जनप्रतिनिधियो के मोबाइल नंबर भी ब्लॉक कर दिया है या फोन नहीं उठाते।
टप्पा क्रमांक १ के लाभान्वित किसान समय पर पानी पट्टी देते रहे हैं किंतु उपरोक्त अधिकारी जानबूझकर किसानों से समय पर पानी पट्टी नहीं ले जाने से टप्पा क्रमांक १ के किसानों पर बकाया हो रहा हैं। जहां शासन करोड़ों रुपए खर्च कर किसानों को सिंचाई हेतु धापेवाडा टप्पा क्रमांक १ टप्पा, क्रमांक 2 बना दिया है किंतु उपरोक्त अधिकारी वर्ग के सहयोग व निकम्मापन के कारण ऐसी योजना सिर्फ सफेद हाथी बनकर रह गई है. और क्षेत्र के किसान भगवान भरोसे अपने खेतों को सिंचाई कर रहे।
इस क्षेत्र के अनेक युवा किसान सिंचाई के अभाव मैं बड़े शहरों की और पलायन कर रहे हैं। धापेवाडा योजना को पानी की कमी ना रहते हुए भी टप्पा क्रमांक १ के पंपों को लोड शेडिंग ना रहते हुए भी 7 से 10 दिन तक बंद रख पिछले २ वर्षों से रोटेशन पद्धति से किसानों व क्षेत्र हजारों हेक्टर जमीन को सिंचाई से वंचित किया जा रहा है. किसान अपनी आवाज उपसा सिंचन की वार्षिक बैठक में उठाने की कोशिश करते हैं तो उस बैठक के समय को टालकर अथवा बैठक जल्द खत्म कर यह अधिकारीगण दबा देते हैं।
टप्पा क्रमांक १ के उपविभागीय अभियंता प्रणय नागदीवे, प्रेमलाल गौतम व अन्य और कार्यरत अधिकारियों का स्थानांतरण कर इस सुजलाम सुफलाम योजना को पूर्ण रूप से संचालित करने हेतु किसी अन्य कार्यक्षम अधिकारियों की नियुक्ति की जाए ऐसी मांग डॉ. सुशील राहंगडाले पुर्व जिल्हा परिषद सदस्य द्वारा की गई है।